देवनारायण जी का जीवन परिचय-dev narayan ji

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- पिता- सवाई भोज (father)
- माता- साडू (mother)
- जीवनसाथी- पीपल दे
- क्षेत्र- राजस्थान, हरियाणा,मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश
- त्यौहार- देवनारायण जयन्ती, मकर संक्रांति, देव एकादशी
- अस्त्र - तलवार, भाला
- देवजी का जन्म संवत् 1300 में बगड़ावत परिवार में हुआ। वे सवाईभोज और सेढू के पुत्र थे। इनका जन्म का नाम उंदयसिह था। देवनारायण का घोड़ा 'लीलागर' था! इनकी पत्नी धार नरेश जयसिह को पुत्री पोपले थी।
- इन्होंने अपने पिता की हत्या का बदला लिया तथा अपने पराक्रम और सिद्धियों का प्रयोग अन्याय का प्रतिकार करने और जनकल्याण में किया । देवमाली ( ब्यावर ) में इन्हे में इन्होंने देह त्यागी ।
- देवजी का मूल ' देवरा ' आसींद ( भीलवाड़ा) से 14 मील दूर गौठां दड़ावत में है। इनके अन्य प्रमुख देवरे देवमाली (ब्यावर, अजमेर) , देंवधाम जोधपुरिया (निवाई, टॉक ) व देव डूँगरी पहाड़ी (चित्तौड़) में हैं ।
- देवनारायण के देवरों में उनकी प्रतिमा के स्थान पर बड़ी ईंटों की पूजा की जाती है।
- गुर्जर जाति के लोग देवनारायण जी को विष्णु का अवतार मानते हैं ।
- देवनारायण जी की पड़ गूजर भोपों द्वारा बाँची जाती है । यह सबसे बड़ी पड़ है।
- देवनारायणजी का मेला भाद्रपद शुक्ला छठ व सप्तमी को लगता है।
राजस्थान के लोक देवता गोगाजी✍✍
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